नालंदा संवाददाता: हमारा देश भारत संस्कृति और परम्पराओं का देश है। इसके पीछे छुपी है प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण। धार्मिक क्रियाओं और मान्यताओं के केंद्र में प्रकृति सेवा के विविध कर्म समाहित किए गए हैं।
स्वच्छ पर्यावरण के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं
बीते रविवार को हरियाली अमावस्या के अवसर पर ए के ए उच्च विद्यालय अंडवस में गौरैया विहग फाउंडेशन के द्वारा स्कूल और छबिलापुर थाना परिसर में 11 पीपल पौधे का रोपण किया गया।
इस मौके विद्यालय की प्राचार्य डॉ रेखा सिन्हा ने कहा कि विगत दशकों में हमारी पृथ्वी ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की दंश झेल रहीं है।
जिसका सीधा प्रभाव मानव सहित समस्त चराचर पर पड़ रहा है। इसलिए जब भी मौका मिले स्वच्छ पर्यावरण के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं।
वृक्षों में है देवताओं का वास
वहीं राजगीर पूर्व रेल प्रबंधक मंतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि पेड़- पौधे हमारे जीवन रक्षक हैं। सनातन संस्कृति के अनुसार इसमें देवतों का वास माना गया है। इसलिए अपने आराध्य के नाम पर भी एक पौधा जरूर लगाइए।
पेड़ कटाव का प्रतिफल है प्राकृतिक आपदाएं
संस्था के संस्थापक निदेशक राजीव रंजन पाण्डेय ने कहा कि आज विकास के नाम पर पहली बलि पेड़ों को दी रही है,जिसका प्रभाव हमसब विभिन्न आपदाओं के रूप में देखने को मिल रहा है। इसलिए यही पेड़ पौधे आने वाली पीढ़ी के भविष्य को उज्जवल रखने में सहायक होगा।
बच्चे पर्यावरण के प्रति हों जागरूक
समाजसेवी सुधीर उपाध्याय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। आने वाला भविष्य उनके हाथों में है,इसलिए पढ़ाई के साथ कुछ समय प्रकृति की सेवा में अवश्य दें।
इस मौके पर समाजसेवी रमेश कुमार पान,पूर्व वार्ड पार्षद बिरजू राजवंशी,आनंद तिवारी,शिक्षिका कविता प्रवीन के अलावे अन्य लोग मौजूद थे।