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उत्तर प्रदेश के टॉप-10 जिलों की रैंकिंग जारी, जालौन बना फिर नंबर-1, चंदौली को IGRS में छठवां स्थान​​​​​​​

रिपोर्ट दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन, पारदर्शिता और मॉनिटरिंग ही जिले की रैंकिंग तय करती है। टॉप पर रहे जिलों के डीएम अपनी कार्यशैली से बाकी जिलों को प्रेरणा दे रहे हैं।

जालौन जिला लगातार छठी बार टॉप रैंकिंग में बना नंबर-1

चंदौली जिले को  IGRS में छठवां स्थान

पूर्वांचल के कई जिले टॉप जिलों में हैं शामिल

रैंकिंग का आधार पर झलकती है जिले की  प्रशासनिक दक्षता और योजनाओं का क्रियान्वयन

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डैशबोर्ड और आईजीआरएस की जून माह की रिपोर्ट जारी कर दी गई है, जिसमें जालौन जिले ने एक बार फिर पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इस सूची में प्रदेश के टॉप 10 जिलाधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों और राजस्व प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। वहीं चंदौली जिले को  IGRS में छठवां स्थान मिला है, जो पूर्वांचल के कई जिलों से बेहतर कहा जा रहा है।

जून महीने की जारी रैंकिंग में जालौन जिला पहले स्थान पर, शाहजहांपुर दूसरे, अम्बेडकर नगर व महराजगंज तीसरे, श्रावस्ती जिला पांचवें स्थान पर आया है। वहीं सबसे फिसड्डी जिलों में प्रयागराज, बागपत, मुरादाबाद, गोरखपुर व कासगंज शामिल हैं। मई महीने की रैंकिंग में खीरी जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा था वहीं जून महीने की जारी हुई रैंकिंग में जिला पिछड़ गया।  सबसे फिसड्डी प्रयागराज जिला है जिसको 75वीं रैंक मिली है। हर महीने योजनाओं की प्रगति के अनुसार सीएम डैशबोर्ड पर जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है।

जालौन जिला विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है, क्योंकि वह लगातार छह महीनों से टॉप 10 की सूची में बना हुआ है। इस उपलब्धि के पीछे जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय की रणनीतिक कार्यशैली और जमीनी स्तर पर प्रभावी निगरानी प्रणाली है।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हर माह जिलों के कार्यों की निगरानी की जाती है, जिसमें राजस्व, विकास और कानून-व्यवस्था जैसे पहलुओं का समग्र मूल्यांकन किया जाता है। जून की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि कई जिलों ने प्रशासनिक कसौटियों पर खुद को बेहतर ढंग से साबित किया है।

मुख्यमंत्री डैशबोर्ड रैंकिंग
प्रदेश के सभी जिलों की मासिक समीक्षा रिपोर्ट, जिसमें राजस्व वसूली, विकास योजनाएँ, कानून व्यवस्था और जनता तक सरकारी लाभ पहुंचाने की गति को मापा जाता है।

IGRS की रैंकिंग
वहीं IGRS की बात करें तो चंदौली को छठां और भदोही व मऊ को सातवां स्थान मिला है, जबकि सोनभद्र 24वें, मिर्जापुर 30वें और गाजीपुर 60वें स्थान पर दिख रहा है। वाराणसी जिला 72वें स्थान पर है।

चंदौली की स्थिति पर चिंता
पूर्वांचल का प्रमुख जिला चंदौली, टॉप-10 से बाहर हो गया है। यह संकेत करता है कि जिला प्रशासन को अपने क्रियान्वयन, निगरानी और जनसंपर्क प्रयासों को और सुदृढ़ करना होगा।

रिपोर्ट दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन, पारदर्शिता और मॉनिटरिंग ही जिले की रैंकिंग तय करती है। टॉप पर रहे जिलों के डीएम अपनी कार्यशैली से बाकी जिलों को प्रेरणा दे रहे हैं।

अब समय है कि पूर्वांचल के जिलों विशेषकर चंदौली अपने प्रशासनिक प्रदर्शन को नए सिरे से परखें और जनसेवा को केंद्र में रखते हुए शासन की प्राथमिकताओं को जमीन तक पहुँचाएं।

 

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