Wednesday 15/ 01/ 2025 

Dainik Live News24
राजनीति में युवाओं का दखल जरूरी, मित्र मेला सह मकर संक्रांति मिलन समारोहएसपी ने पुरूषोत्तमपुर थाने का किया निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देशसमाजसेवी पिंटू दूबे ने गरीब एवं असहाय के बीच कंबल का किया वितरणकार्यकर्ता ही पार्टी के रीढ़ होते हैं: – जय कुमार सिंह22 जनवरी को प्रखंड परिसर कुर्था में रोजगार शिविर कैंप का होगा आयोजन: नियोजन पदाधिकारी अरवलप्रखंड स्तरीय मकर संक्रांति महोत्सव का हुआ आयोजन, छात्राओं ने दी प्रस्तुतिगुरु तुल्य प्रधानाध्यापक अवध बिहारी त्रिपाठी की श्रधांजलि सभा का आयोजनवंशी गांव के आदर्श क्रिकेट क्लब के मेम्बर रवि कुमार का सड़क दुर्घटना में दिल्ली में हुई मौतविवेकानंद जी युवाओं के प्रेरणास्रोत:- संतोष पटेलमोतिहारी सदर अस्पताल में डाॅ० गोपाल ने जरूरतमंदो बीच किया कंबल का वितरण
झारखण्‍डराज्य

टनकुप्पा- पहाड़पुर-गुरपा रेलखंड पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम हुआ चालू

अब 1 KM के आगे पीछे चल सकेंगी ट्रेन, समय की होगी बचत और बढ़ेंगी ट्रेन की रफ्तार

बिहार राज्य संवाददाता बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट 

धनबाद मंडल के 25 किलोमीटर लंबे टनकुप्पा-पहाड़पुर-गुरपा रेलखंड पर कल दिनांक 02.07.2024 से ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।

यह प्रधानखंटा से मानपुर तक 204 किमी प्रोजेक्ट का एक भाग है तथा इस प्रोजेक्ट पर लगभग 202 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है।

अभी एब्सल्यूट ब्लाक सिस्टम (परंपरागत) चल रहा है, जिसमें एक ब्लाक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है जिससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है।

ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के मध्य लगभग प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिगनल लगाए जाते हैं । सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी।

अगर आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाएगी। जो ट्रेन जहां रहेंगी, वहीं रुक जाएंगी।

ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के लागू हो जाने से एक ही रूट पर लगभग एक किमी के अंतर पर एक के पीछे एक ट्रेनें चल सकेंगी।

इससे रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार के साथ ही संख्या भी बढ़ सकेगी। वहीं, कहीं भी खड़ी ट्रेन को निकलने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

स्टेशन यार्ड से ट्रेन के आगे बढ़ते ही ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा। यानी एक ब्लॉक सेक्शन में एक के पीछे दूसरी ट्रेन आसानी से चल सकेगी। इसके साथ ही ट्रेनों का लोकेशन की जानकारी मिलती रहेगी।

Check Also
Close