Sunday 22/ 12/ 2024 

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जमुई: सर्डोनिक्स स्कूल के प्रिंसिपल विष्णु शर्मा को निबन्ध लेखनी के लिए अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन ने किया प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित

जमुई जिला ब्यूरो बिरेंद्र कुमार की रिपोर्ट 

तन समर्पित,मन समर्पित और ये जीवन समर्पित !चाहता हूं देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूं! चाह नहीं मैं सुरबाला के, गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं मैं बिंध प्यारी को ललचाऊं!

चाह नहीं देवों के सर पर, चढ़ूं भाग्य पर इठलाऊं।मुझे तोड़ लेना वनमाली , उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जावें वीर अनेक।।

जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है, वह नर नहीं, नर पशु नीरा है और मृतक समान है ।जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं ,वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं!

अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा व्याख्यित ये विषय कि निवर्तमान सरकार से वर्तमान सरकार तक के बनने तक एक जागरुक नागरिक होने के नाते हमारी क्या अपेक्षाएं हैं; निश्चय ही समीचीन , प्रसंगानुसार, समयानुकूल एवं अनुसंधान सरीखा प्रतीत हो रहा है, की विवेचना करें।

निवर्तमान प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री की केंद्र सरकार की सुनिधियों के फलितार्थ जोशीली सरकार तीसरी बार गरीबों की अपेक्षाओं पर खरी उतरकर सामने आई है। विगत के 10 वर्षों की शानदार अतीत के दृष्टिगत अब और अपेक्षित सकारात्मक अपेक्षाएं इस सरकार से जुड़ गई हैं ।

रोजगार परक शिक्षा , उत्तम सरकारी व्यवस्था, उत्तम स्वास्थ्य, तीव्र आवागमन और सबसे ठोस व्यवस्थित कानून हमारी मूलभूत अपेक्षाएं होनी ही चाहिए।

सरकार से जागरूक नागरिक होने के नाते सर्वप्रथम हमें अपने अधिकार की बातें नहीं करनी चाहिए; बल्कि इतना अवश्यमेव मैं कहना चाहूंगा कि यदि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन समुचित रूप में करें तो अधिकार सही में परिलक्षित हो जाते हैं !

अर्थात् ,संविधान की रक्षा के लिए इसमें वर्णित नागरिकों के मूल अधिकारों के साथ-साथ मूल कर्तव्यों की भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए! क्योंकि, केवल अधिकारों से सच्चे अर्थों में हम संविधान की रक्षा नहीं कर सकते!

हमें व्यवस्थित संतुलित विकास के लिए अपने कर्तव्यों की भी पालन सुनिश्चित समुचित रूप में हमें करना चाहिए। विश्व के प्राचीन इतिहास को ही देख लीजिए न!एक उदाहरण पर्याप्त होगा !

राम ने पहले आदर्श पुत्र के रूप में अपने धर्म का पालन किया! धर्म की रक्षा के लिए आततायी रावण का वध किया ।असंख्य कष्ट सहित अनुज लक्ष्मण,भार्या सीता, भक्त हनुमान ,मित्र अंगद- सु्ग्रीव के साथ मित्रता सुनिश्चित की ।

सचमुच, भारतीय सरकार से अपेक्षाएं हैं कि वह आम व खास सभी वर्गों का साथ लेती आई है और इसी प्रकार लेती रहे तो भारत विश्व में अपनी पहचान ,साख बढ़ाता चला जाएगा ।

अभी हाल ही में रूस द्वारा अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रधानमंत्री मोदी सरकार को प्रदान करना यह सिद्ध करता है कि भारत तीव्र गति से बढ़ता भारत है।

इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। वरना, पूरे विश्व की शांति, सुरक्षा व स्थिरता को खतरा बना रहेगा ।पर इतने से हमें जागरुक नागरिक होने के नाते इसका सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ,सबका प्रयास, की अपेक्षाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।

भारतीय सभ्यता व संस्कृति की रक्षा के लिए विभिन्न जातियों धर्म संप्रदाय विविधता में एकता की स्थापना के लिए सरकार को कार्य करते रहना चाहिए ।ऐसी बहुविध सभ्यता वाले राष्ट्र को निश्चित ही चंद्रगुप्त जैसे शासक व चाणक्य जैसे दूरदर्शी मंत्री की आवश्यकता है, अनिवार्यता है ।

मैं निश्चित रूप से तपस्वियों की धरती जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अंग से लेकर बंग तक सांप्रदायिक सौहार्द को सुनिश्चित कर सके ,यह सार्थक अपेक्षा है ,कृषि, उद्योग, व्यापार, वाणिज्य, कला, शिक्षा, संस्कृति, पशुपालन, वन पर्यावरण, धरा सहित संपूर्ण विश्व के कल्याणार्थ कार्य किया जा सके, ऐसी अपेक्षाएं हम सरकार से कर सकते हैं, सुचिता के साथ। पृथ्वी हमारी मां है और हम इसकी संतान हैं ।

अतीत पर गर्व कर वर्तमान को सहेज कर स्वच्छ, सशक्त उज्ज्वल भविष्य को गढ़ने ने की अपेक्षा है। भूख कुशिक्षा,कुसंस्कार भ्रष्टाचार के खिलाफ सकारात्मक आंदोलन चला कर भारत को देवभूमि बनाने की अपेक्षा है ।

शांति, विकास राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ विषमतम परिस्थितियों को सम परिस्थितियों की अपेक्षा है ।ये भारत वीरों का देश है।

राष्ट्र के विकास के लिए परम आवश्यक है ,वो सब कुछ किया जाना चाहिए जिससे एक प्रेरक प्रसंग निर्मित हो कि सारी बुराइयां भस्म हो जाए ,इसकी अपेक्षा है।

यह अपेक्षा है- गीता का ज्ञान, कर्म योग की तपस्या ,मानसिक तामसिकता को नष्ट कर हमारी भारतीयता के लिए नयी ऊंचाई मिले ,यह है परिश्रम, ईमानदारी परस्पर सम्मान ,समझ की कि कभी अभाव न हो, ताकि समाज से तमाम बुराइयों का खात्मा जड़- मूल से किया जा सके; इसकी अपेक्षा है !

आतंकवाद का खात्मा, कश्मीर में शांति, प्राकृतिक आपदाओं की विभीषिका को कमतर करने की अपेक्षा है ।

संत कबीर, मीरा, खुसरो, दिनकर, निराला ,मधुकर…. जैसे श्रेष्ठ रचनाकारों से प्रेरणा लेकर हम विकसित भारत बना सकें ,इसकी अपेक्षा है !

निःसंदेह इस नई सरकार से महती अपेक्षाओं का अंत दृष्टिगोचर नहीं प्रतीत हो रहा, तथापि सरकार से अगले 5 वर्ष तक पूर्ण स्थिरता के साथ गृह, विदेश ,रक्षा, उद्योग सभी क्षेत्रों में नये कीर्तिमानों का श्रीगणेश किया जा सके, इसकी अपेक्षा है ।

सामान्य से नागरिक को जब उसे अपनी सरकार की अनुभूति हो,तब यह समझा जाए कि सरकार सचमुच में सरकार है। एक संघर्ष पथ में सफलता या असफलता कोई विशेष अर्थ नहीं रखती ।

देशभक्ति के लिए हमारा प्रयास अनवरत बना रहे, अपेक्षा है, प्रेम ,दया,करुणा जैसी मानवीय मूल्यों की प्रवृत्तियों की स्थापना हो ,हम प्रकृति प्रेमी बनें, सारी तामसिकताएं नष्ट हो जाएं!हम सर्वे भवंतु सुखिनः , सर्वे संतु निरामया:! के पोषक बनें!

जागरुक नागरिक होने के नाते हमें सरकार से अपेक्षाएं तो होनी चाहिए, पर ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए ,जिससे हमारी नागरिकता को दाग लगे। सरकार सुसंचालित रुप में काम करे ,हमें उसके हर अच्छे काम की प्रशंसा करनी चाहिए ,अपने अतीत की गलतियों से सबक लेकर वर्तमान को सुखद व भविष्य को बेहतर बनाने का हर प्रयास करना चाहिए ।

बातें तो बहुत हैं ,किंतु समय का अभाव होने के कारण क्षमा प्रार्थी हूं ।फिर मौका मिला तो कई ऐसे विषय हमारे सामने आएंगे जिस पर हम विवेचना कर सकेंगे ।

अंततः व निष्कर्षत:, मैं धन्यवाद देना चाहूंगा हर एक को इससे संबंधित सभी पक्षों को, इन्होंने बहुत अच्छा सराहनीय प्रयास किया है!
इसी के साथ मैं अपनी गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूं !धन्यवाद
विष्णु कुमार शर्मा
डी० एस०एम०कॉलेज रोड, पुरानी बाजार , झाझा
मोबाइल नंबर:-98356 13758

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