
नालंदा संवाददाता: भारतीय इतिहास में मगध एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मगध भारतीय संस्कृति और परंपरा की पालना रही है,जिसमें अनेक जातियों,भाषाओं और संस्कृति को अपने में समाहित कर भारतवर्ष की उत्कर्ष गाथा लिखी।
मगध की गौरव अतीत को करेगा पुनर्जीवित
इस सम्मान समारोह के आयोजक मंडल में शामिल गौरैया विहग फाउंडेशन के संस्थापक राजीव रंजन पाण्डेय ने बताया कि यह सम्मान समारोह मगध की राजधानी रही राजगीर में आयोजित होना गौरव की बात है।
यह अतीत में अखंड भारत का सत्ता का केंद्र रहा है। इसके माध्यम से मगध की गौरव गाथा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है जो वर्तमान में केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
विभिन्न क्षेत्रों के लोग होगें सम्मानित
इस आयोजन में देशभर के अपने क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले समाजसेवा, शिक्षा, पत्रकारिता, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण, तकनीकी नवाचार, उद्यमिता आदि क्षेत्रों में करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
यह आयोजन धाराधाम इंटरनेशनल गोरखपुर,दिव्य प्रेरक अनुसंधान केंद्र आजमगढ़,यूपी,गौरैया विहग फाउंडेशन नालंदा व एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड,श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से 1 दिसंबर को राजगीर स्थित सरस्वतीत भवन में आयोजित किया जाएगा।
आगंतुक 30 नवंबर को करेंगे राजगीर दर्शन
देश के विभिन्न हिस्सों से आए महानुभावों को 30 नवंबर को राजगीर की प्राकृतिक छटा और इतिहास को करीब से जानने के लिए राजगीर का भ्रमण कराया जाएगा।