- गायत्री परिवार द्वारा केंद्रीय विद्यालय जहानाबाद में वृक्षारोपण कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
जहानाबाद जिला ब्यूरो बिरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
जहानाबाद :- अखिल विश्व गायत्री परिवार की युवा इकाई प्रज्ञा युवा प्रकोष्ठ जहानाबाद के द्वारा लगातार 183वें रविवासरीय वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय ऐनवां जहानाबाद में किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य श्री रविन्द्र राम को मंत्र चादर एवं सदसाहित्य देकर सम्मानित किया गया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री रविन्द्र राम ने वृक्ष का महत्व बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया पर्यावरण संकट का सामना कर रही है।पर्यावरण संकट का मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और विकास के लिए लगाए जा रहे कल-कारखाने हैं।
विकास को रोकना तो संभव नहीं है लेकिन अधिक से अधिक संख्या में पौधा लगाकर पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है।अभी तक ज्ञात जानकारी के अनुसार पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जिस पर जीवन संभव है।
अगर इसे भी हम सुरक्षित नहीं रख सकें तो हमारा जीवन संकट में पड़ सकता है।वर्तमान समय में सभी जीव जंतु को पर्यावरण असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है।
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति अगर प्रत्येक वर्ष कम से कम दस पौधे भी लगाकर उसकी देखभाल करने का संकल्प ले लें तो बहुत जल्द ही हम पर्यावरण को संतुलित करने में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन पौधरोपण आन्दोलन का रुप ले लेगा उस दिन हम पर्यावरण को सुरक्षित रखने के बहुत करीब होंगे।
वृक्षारोपण के इस पुनीत कार्यक्रम के लिए गायत्री परिवार के प्रज्ञा युवा प्रकोष्ठ के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि गायत्री परिवार की वृक्षारोपण टीम ,जो लगातार तीन वर्षों से साप्ताहिक पौधरोपण का कार्य कर रही है और लोगों को वृक्षारोपण के लिए इसके सदस्य जागरूक कर रहे हैं।
यह मानवता के लिए महानतम कार्य है इनके द्वारा किया जा रहा वृक्षारोपण का कार्य निश्चित रूप से पर्यावरण को संतुलित बनाने और लोगों को उत्साहित करने में मील का पत्थर साबित होगा।
इस पावन अवसर पर गायत्री परिवार के हरिजी,रंगेश कुमार, कौशल कुमार,राकेश विद्यासागर, गोपीकृष्ण, विनोद कुमार, विजय कुमार, केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक अखिलेश कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मी मुकेश कुमार सहित प्राध्यापक सह दैनिक अखबार के ब्यूरो प्रमुख डॉ रंजीत कुमार भारतीय भी उपस्थित थे।