
जैव विविधता को ले एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में संयुक्त निदेशक हेमकांत राय तथा उप निदेशक मिहिर झा ने दी तकनीकी जानकारियां
बेगुसराय वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक सिंह तथा वरिष्ठ पत्रकार सह समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा ने पर्यावरण संरक्षित करने पर दिया बल
रिपोर्ट एस के वर्मा
खगड़िया। बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद एवं वन प्रमंडल बेगुसराय के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बछौता स्थित एक रिसॉर्ट में किया गया।
जिसका उद्घाटन पटना से पधारे पर्षद के संयुक्त निदेशक हेमकांत राय , उप निदेशक मिहिर कुमार झा तथा बेगुसराय के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में जिले के खगड़िया प्रक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जैव विविधता प्रबंध समिति के अध्यक्षों/सचिवों/सदस्यों की क्षमता विकास हेतु कई तकनीकी जानकारियां दी गई।
कार्यशाला में खगड़िया, अलौली, मानसी, चौथम, बेलदौर , गोगरी तथा परबत्ता प्रखंड के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य तथा संबंधित पंचायतों के अन्य ग्रामीणों ने विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारियां विस्तृत रुप से प्राप्त किया।
कार्यशाला में 135 व्यक्तियों ने भाग लिया।प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण सामग्रियां भी दी गई। वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, खगड़िया राजकुमार ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
व्यवस्था बनाए रखने में खगड़िया की वन विभाग की कर्मी शिवानी कुमारी कार्यक्रम शुभारंभ से समापन तक विधि व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका का निर्वाह की। बिहार जैव विविधता पर्षद, पटना के संयुक्त निदेशक हेमकांत राय ने कहा आज आवश्यकता है लोगों को जैव विविधता के प्रति जागरूक करने की ।
उन्होंने जैव विविधता प्रबंधन समितियों के कार्य, कर्तव्य और दायित्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव के विभिन्न रूप हम मनुष्यों के साथ साथ सभी जीवों की आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी जैव संपदाओं द्वारा ही संभव है।आगे उन्होंने कहा जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन में आम नागरिकों की भूमिका आती आवश्यक है।
उसके लिए प्रबंध समितियों को आगे आना होगा। पर्षद के डिप्टी डायरेक्टर मिहिर कुमार झा ने लोक जैव विविधता पंजी निर्माण की आवश्यकता तथा इसके संधारण प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
बेगुसराय के वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने जिले के जैव विविधता संबंधी स्थानीय पहलुओं यथा कृषि, पशुपालन, मात्स्यिकी तथा भौगोलिक प्रस्थितिकी की जानकारी दी।
वरिष्ठ पत्रकार सह समाज सेवी डॉ अरविन्द वर्मा ने कहा आज हर इंसान को जगने और जगाने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण संरक्षित हो सके। किसानों को रासायनिक खाद को छोड़ बायो खाद का प्रयोग करनी चाहिए।
फसलों के उत्पादन को बढ़ाने हेतु कीटनाशक दवाइयों का उपयोग कम से कम करनी चाहिए ताकि इसका दुष्प्रभाव इंसान के शरीर पर नहीं पड़ सके। प्रशिक्षणार्थियों को डिजिटली स्लाइड प्रदर्शित करते हुए विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी जानकारियां भी दी गई।
कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों में नीतू कुमारी, गौतम कुमार, ममता देवी, मिथुन कुमार, सोनम कुमारी, काजल देवी, रायबहादुर पासवान, पिंटू सदा तथा वन कर्मियों में प्रमुख थे बीट ऑफिसर जितेंद्र कुमार, महेश प्रसाद मेहता, सब बीट ऑफिसर शिवानी कुमारी, अरुण कुमार, विकास कुमार अवधेश कुमार, राकेश यादव तथा शिवचंद्र कुमार आदि।




















