Sunday 27/ 10/ 2024 

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चंदौली में 35 साल से हो रहा कमलापति का गुणगान, पर कांग्रेस को जीत का इंतजार, अबकी बार भी मायूस हैं खांटी कांग्रेसी

इस बार भी यह सीट कांग्रेस पार्टी के हाथ स निकलकर सपा के हाथ में चली गयी है। अब कांग्रेसियों को लगने लगा है कि चंदौली में कांग्रेस की राजनीति का कोई भविष्य नहीं रह गया है।

फिर दूसरे पार्टी को मिला चंदौली का टिकट

कांग्रेस नेताओं में भरती जा रही है मायूसी

जब चुनाव दूसरे को ही लड़ाना है तो क्यों पैसे व समय खर्च करेंगे कांग्रेसी

चंदौली लोकसभा सीट पर 1989 से कांग्रेस ने जीत का स्वाद नहीं चखा है। आखिरी बार 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी की बहू चंद्रा त्रिपाठी ने कांग्रेस का झंडा बुलंद किया था। इसके बाद से यहां पार्टी एक जीत को तरस गई। पिछले एक दशक से कांग्रेस मुख्य विपक्षी भी नहीं बन पायी है। वर्तमान में जिले में सकलडीहा, मुगलसराय, सैयदराजा और चकिया विधानसभा सीटें हैं। इन पर भी दशकों से कांग्रेस जीत का इंतजार कर रही है।

इतना ही नहीं अब तो कांग्रेसी नेताओ ने पार्टी के नाम पर समय व पैसा खर्च करना छोड़ दिया है, क्योंकि गठबंधन में लगातार सीट जाने से उनको अपना राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल नजर नहीं आ रहा है। इस बार भी यह सीट कांग्रेस पार्टी के हाथ स निकलकर सपा के हाथ में चली गयी है। अब कांग्रेसियों को लगने लगा है कि चंदौली में कांग्रेस की राजनीति का कोई भविष्य नहीं रह गया है। अब तो न तो कोई दिग्गज नेता बचा है और न ही कोई युवा अपना समय व धन खर्च करना चाहता है।

आपको बता दें कि चंदौली लोकसभा क्षेत्र में अजगरा, मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराजा, शिवपुर विधानसभा क्षेत्र आती हैं। इस लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 18,26,437 है, जिसमें पुरुष मतदाता 9,78,574 और महिला मतदाता 8,47,793 हैं। चंदौली में 1952, 1957, 1962 और 1971 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1984 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को जीत नसीब हुई।

बताते चलें कि वर्ष 2019 के चुनाव में 5,10,733 मत पाकर भाजपा के डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय विजेता रहे। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. संजय चौहान ने 4,96,774 मत हासिल किए। वहीं कांग्रेस समर्थित जन अधिकार पार्टी की शिवकन्या कुशवाहा को मात्र 22,291 मत मिले। वे तीसरे स्थान पर रहीं। इसी तरह वर्ष 2014 के चुनाव में 16 लाख 63 हजार 641 मतदाताओं में 9 लाख 77 हजार 386 लोगों ने मतदान किया। भाजपा के डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने 4 लाख 14 हजार 135 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की।

दूसरे नंबर पर बसपा के अनिल मौर्य रहे, जिन्हें 2 लाख 57 हजार 399 मत मिले। सपा प्रत्याशी रामकिशुन यादव 2 लाख 4 हजार 145 मतों के साथ तीसरे पायदान पर रहे। कांग्रेस के तरुण चंद पटेल 27,174 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे।

विधानसभा चुनाव में चारों सीटों में चौथा स्थान
विधानसभा 2022 के चुनाव परिणाम पर गौर करें तो मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराजा और चकिया में कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। मुगलसराय में भाजपा के रमेश जायसवाल विधायक बने, जबकि कांग्रेस के छब्बू पटेल मात्र 5344 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे। सकलडीहा में सपा के प्रभुनारायण विजेता हुए,

जबकि कांग्रेस के देवेन्द्र प्रताप सिंह 5135 मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर रहे। इसी तरह सैयदराजा में भाजपा के सुशील सिंह 87 हजार मत के मुकाबले.    कांग्रेस के विमला बिंद को 2155 मत और चकिया में भाजपा के विजेता कैलाश खरवार के 97 हजार 600 मतों के मुकाबले कांग्रेस के रामसुमेर 2046 मत ही हासिल कर सके।

चंदौली ब्यूरो चीफ – नितेश सिंह यादव की रिपोर्ट
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