
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ( रोहतास) धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और यह भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है।
आचार्य पंडित मनोरंजन तिवारी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का उत्सव मनाया जाता है।
इस वर्ष त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर को सुबह 01:15 बजे होगा। इसलिए, धनतेरस का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
29 अक्टूबर को गोधूलि काल का आरंभ शाम 6 बजकर 31 मिनट से होगा और यह रात 8 बजकर 31 मिनट तक चलेगा. धनतेरस की पूजा के लिए आपको 1 घंटा 42 मिनट का अवसर प्राप्त होगा।
खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन तीन विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिनमें जातक सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी कर सकते हैं।
पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07:50 से 10:00 बजे तक है. यह समय वृश्चिक लग्न का है, जिसे स्थिर और अत्यंत शुभ माना जाता है।
दूसरा शुभ मुहूर्त कुंभ लग्न का है, जो दोपहर 02:00 से 03:30 बजे तक रहेगा. यह भी स्थिर और शुभ माना जाता है।
तीसरा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का है, जो संध्या 06:36 से 08:32 बजे तक रहेगा।इनमें से यह मुहूर्त सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
बताते चले कि
धनतेरस का दिन धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाता है। इस पर्व का संबंध चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा से गहराई से जुड़ा हुआ है।धनतेरस के अवसर पर, लोग श्रद्धा, दान और त्यौहारी खरीदारी में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, क्योंकि इसे भाग्य और आशीर्वाद लाने वाला दिन माना जाता है।