प्राचार्य की तानाशाही के खिलाफ आइसा का एसबीएएन महाविद्यालय का 4 दिसम्बर किया जाएगा घेराव
- प्राचार्य की तानाशाही के खिलाफ आइसा का एसबीएएन महाविद्यालय का 4 दिसम्बर किया जाएगा घेराव
- काॅलेज में नामांकन और रजिस्ट्रेशन से वंचित छात्रों के समर्थन में आइसा का महाजुटान
अरवल जिला ब्यूरो बिरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
दिनांक 01/12/2024 को भाकपा – माले कार्यालय कुर्था में आइसा का एक बैठक आहुत किया गया, बैठक में आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी संबोधित करते हुए कहा कि कुर्था अरवल से एसबीएएन काॅलेज तक पहुंचनें में छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन आने जाने का किराया रू. 100 से अधिक लग रही है तो कैसे संभव है कि सभी छात्र-छात्राएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ उठा सके।
यह सोचने वाली बात है कि सार्वजनिक संस्थान का उद्देश्य लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रकिया के तहत सभी वर्गों के बच्चें को उच्च शिक्षा से जोड़े रखना है।
लेकिन शिक्षण संस्थानों से छात्रों को ही उच्च शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। मौजूदा समय में शोषित-वंचित वर्गो को कैम्पसों से बाहर करने का प्रयास चल रहा है। सरकारी संस्थानों का बाजारीकरण में तब्दील किया जा रहा है।
जो बिहार के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। अरवल में ऐसे कई महाविद्यालय है, जहां काॅलेज प्रशासन की मनमानी चल रही है। आइसा छात्रों से नामांकन में भारी रकम लेने वाले प्राचार्य पर उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करने की मांग करती है।
छात्रों से ली गई अवैध शुल्क वापस किया जाए व नामांकन से वंचित छात्रों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित की जाए अन्य समस्याओं को दूर करने की मांग के साथ एसबीएएन काॅलेज का घेराव किया जाएगा।
राज्य सचिव सबीर कुमार व भाकपा-माले, प्रखंड सचिव अवधेश कुमार ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि एनडीए सरकार की साजिश है, कि नई शिक्षा नीति के तहत एफवाईयूपी में 40 गूणा फीस वृद्धि की गई है जिससे गरीब-दलितों का शिक्षा व्यव्स्था से कोसो दूर होना लाजमी है।
विदित हो कि सेंट्रर विश्वविद्यायल में हजार गुणा फीस वृद्धि हुई है, जिससे HIFA से लोन लेकर उच्च शिक्षा में जा रहे है। लेकिन कई छात्र-शोधार्थी कर्ज चुकाने में असमर्थ है। इससे स्पष्ट है कि सरकार की मंसा छात्रों के लिए घातक है।
एसबीएएन सहित अन्य काॅलेजों के छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याओं को बताते हुए कहा कि फीस वृद्धि, कैम्पसों में बुनियादी सुविधा का अभाव, स्वच्छ पेयजल की कमी, प्रयोगशाला का सुविधाजनक संसाधन का अभाव, छात्रावास का घोर अभाव, छात्रों के घर से काॅलेज जाने में कई किलोमीटर की दूरी कैम्पस में शैक्षणिक माहौल का अभाव होने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल करने में काॅलेज प्रशासन असक्षम है।
गरीब-दलित सहित अन्य वर्गो के बच्चें खास तौर पर छात्राएं का यही कारण है कि ड्राॅपआउट की संख्या में कई गुणा बढ़ोत्तरी होती है।
छात्रों की शैक्षणिक संकट को नजरअंदाज कर रही है बिहार सरकार। शिक्षक-कर्मचारियों की कमी सहित अन्य समस्याओं से घिरे विवि. व काॅलेज कैम्पस को पूंजीपतियों का अड्डा बनाया जा रहा है।
एसबीएएन काॅलेज घेराव में कुर्था अरवल से बड़ी संख्या में छात्र-युवाओ व परिजनों का समर्थन है इस बैठक में आइसा सदस्य रंजना कुमारी, सोनी कुमारी, रेणु कुमारी, प्रमोद कुमार, सिद्दू कुमार, बिपुल कुमार, निरू कुमारी सहित भाकपा-माले पार्टी से सत्येंद्र पासवान, संजीत कुमार इत्यादि के साथ कई पंचायत से छात्र-छात्राए के परिजन भी मौजूद थे।
निवेदक:- प्रीति कुमारी राज्य अध्यक्ष आइसा बिहार।