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मंगलाचरण और संध्या वंदन का बहुत बड़ा महत्व है: श्री जीयर स्वामी जी महाराज

मंगलाचरण और संध्या वंदन का बहुत बड़ा महत्व है: श्री जीयर स्वामी जी महाराज

रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट 

दावथ (रोहतास): परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्‍न जीयर स्वामी जी महाराज ने मंगलाचरण के महत्व को समझाया। श्रीमद् भागवत कथा प्रसंग अंतर्गत मंगलाचरण पर चर्चा की गई। मंगलाचरण किसी भी कथा के प्रारंभ में मध्य में और अंत में जरूर करना चाहिए। मंगलाचरण के माध्यम से मंगल का कामना किया जाता है।

मंगलाचरण का मतलब भगवान श्रीमन नारायण के चरण की वंदना करते हुए मंगल की कामना को मंगलाचरण कहा जाता है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा पाठ में सबसे पहले मंगलाचरण जरूर होना चाहिए।

आगे श्रीमद् भागवत कथा अंतर्गत स्वामी जी ने संध्या वंदन के महत्व को भी समझाया। हर व्यक्ति को संध्या वंदन जरूर करना चाहिए। संध्या वंदन की विधि की पूरी जानकारी नहीं होने पर भी कम से कम भगवान के नाम का स्मरण जरूर करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार यदि व्यक्ति लगातार तीन दिन तक संध्या वंदन नहीं करता है, तो उसके द्वारा किए गए कर्म इत्यादि का कोई महत्व नहीं रहता है। जैसे शालिग्राम भगवान को छोड़कर के अन्य जितने भी देवी देवता भगवान प्रतिष्‍ठापित हैं।

उनको यदि 24 घंटे तक पूजा पाठ भोग ना लगाया जाए तो फिर से प्राण प्रतिष्ठा करना पड़ता है। इस प्रकार से यदि संध्या बंधन लगातार तीन दिन तक न किया जाए तो मानव जीवन में हमारे द्वारा किए गए पूजा पाठ कर्म इत्यादि का महत्व भी नहीं रह जाता है।

इसीलिए हर दिन संध्या वंदन जरूर करना चाहिए, आगे स्वामी जी ने बताया कि भगवान की शरणागति प्राप्त करने के लिए जीवन में क्या करना चाहिए। उस पर चर्चा किया गया।

स्वामी ने कहा की प्राणियों के प्रति आदर, धर्मशास्त्र की मर्यादा के अनुसार कार्य, संत महात्माओं के प्रति सम्मान की भावना, निरंतर भगवान की चिंतन इत्यादि से भगवान की शरणागति प्राप्त की जा सकती है।

श्रीमद् भागवत कथा अंतर्गत स्वामी जी ने कहा कि घर में पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। वैसे दुनिया में भगवान श्रीमन नारायण, नदियों में गंगा जी और पेड़ों में पीपल का पेड़ सर्वश्रेष्ठ है।

पीपल का पूजा तो करना चाहिए। लेकिन पीपल के पेड़ पर शनी भगवान का भी वास होता है। इसलिए पीपल का पेड़ घर में लगाया जाता है तो उस पर शनि भगवान के प्रकोप की भी संभावना बनी रहती है। इसीलिए घर में पीपल का पेड़ नहीं लगना चाहिए।

घर में यदि कोई पेड़ लगाया जाए तो वह सबसे सर्वश्रेष्ठ तुलसी जी का पेड़ है। क्योंकि तुलसी जी भगवान विष्णु जी को बहुत ही प्रिय है। इसलिए घर में यदि तुलसी जी को लगाया जाता है तो घर में सुख शांति समृद्धि बनी रहती है।

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