
बेटा और बेटियों का सही समय पर शादी करना चाहिए: – श्री जीयर स्वामी जी महाराज।
कलयुग में भगवान श्रीमन नारायण बद्री नारायण में करते हैं वास
नर नारायण के रूप में अवतरित हुए हैं बद्री नारायण भगवान
भगवान विष्णु का चौथा अवतार नर नारायण के रूप में हुआ
भगवान का पांचवा अवतार कपिल देव भगवान के रूप में हुआ
शादी विवाह में लड़का और लड़की का नाणी एक नहीं होना चाहिए
रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
दावथ (रोहतास): परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज ने भगवान विष्णु के चौथे अवतार की कथा को विस्तार से समझाया। भगवान विष्णु का चौथा अवतार नर नारायण के रूप में हुआ था।
भगवान श्रीमन नारायण ने लक्ष्मी जी से कहा देवी जी हम पृथ्वी पर नर नारायण के रूप में लीला करना चाहते हैं। इसीलिए आपको कुछ दिन तक बैकुंठ लोक में ही रहना होगा। लक्ष्मी जी ने कहा भगवन हम भी आपके साथ पृथ्वी पर चलेंगे।
भगवान श्रीमन नारायण नर और नारायण के रूप में अवतार लेने के लिए किसके यहां जन्म लिया जाए मन ही मन विचार कर रहे थे। तब भगवान ने ब्रह्मा जी के पुत्र धर्म के घर जन्म लेने का विचार किए।
शास्त्रों में धर्म के कई पत्नी के बारे में बताया गया है। जैसे कि मूर्ति, श्री इत्यादि । श्रीमन नारायण गुरु और शिष्य के रूप में नर नारायण के रूप में जन्म लेना चाहते थे। वहीं भगवान धर्म की पत्नी मूर्ति से गुरु और शिष्य के रूप में प्रकट हुए।
जिसके बाद भगवान तपस्या करने के लिए स्थान खोज रहे थे। वहीं केदार क्षेत्र में शिव जी के पास पहुंचे। जहां पर शिव जी से तपस्या करने के लिए उचित स्थान पूछे।
वहीं शिव जी के द्वारा बद्री नारायण में भगवान जो नर नारायण के रूप में थे, उनको तपस्या करने के लिए स्थान बताया गया। आज भी बद्री नारायण में नर पर्वत और नारायण पर्वत के नाम से स्थान है।
एक तरफ नर दूसरी तरफ नारायण के रूप में भगवान ब्रह्मचारी के रूप में तपस्या करने लगे। वहीं पर लक्ष्मी जी भी बद्री रूपी पेड़ के रूप में भगवान को छाया करने लगी। जिसके बाद वही भगवान श्रीमन नारायण के नर नारायण अवतार को बद्रीनारायण के नाम से जाना जाता हैं।
द्वापर युग में जब भगवान श्री कृष्ण जाने लगे, उस समय भगवान से पूछा गया भगवन आप तो जा रहे हैं, लेकिन आपका दर्शन कहां होगा।
वही भगवान श्री कृष्णा ने कहा कि मुझे साक्षात कृष्ण रूप में आप लोग बद्री नारायण में मेरा दर्शन कर पाएंगे। वही आज भी भगवान श्रीमन नारायण का वास बद्री नारायण में हैं।
धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण, श्रीमद् भागवत इत्यादि भगवान की लीलाओं का जहां पर चर्चा होता हो भगवान के जितने भी धाम हैं, वहां पर भगवान श्रीमन नारायण का साक्षात वास बताया गया हैं




















