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भारत को मिला प्रथम बौद्ध मुख्य न्यायाधीश

भारत को मिला प्रथम बौद्ध मुख्य न्यायाधीश

रिपोर्ट बिरेंद्र कुमार 

अत्यंत ही हर्ष की बात है कि 14 मई 2025 को शपथग्रहण करनेवाले भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई देश के दूसरे दलित सीजेआई और प्रथम बौद्ध सीजेआई होगें। जस्टिस बी आर गवई का संपूर्ण परिवार आम्बेडकरवादी और बौद्ध धर्मावलंबी हैं।

इनके पिताजी दिवंगत आर.एस.गवई साहेब ने लगभाग 27 वर्ष की उम्र में 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहेब डा.भीमराव आंबेडकर के साथ ही दिक्षाभूमि,नागपुर में हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धम्म ग्रहण किये थे।

तब से गवई परिवार बुद्धिष्ट( बौद्ध धर्मावलंबी )हैं और आम्बेडकर मिशनरी के तहत दलित उत्थान और बाबा साहेब के विचारधारा को जनमानस तक पहुँचाने के कार्य लगे हैं।

जस्टिस गवई के बड़े भाई डा.राजेन्द्र गवई पेशे से एक चिकित्सक , प्रखर आम्बेडकरवादी हैं और आर.पी.आई (गवई गुट ) के अध्यक्ष हैं।

भारत की आम जनता,बहुजनों,दलितों, अल्पसंख्यकों ,बौद्ध धर्मावलंबियों और आम्बेडकरवादियों को सीजेआई , जस्टिस बी आर गवई साहेब से बड़ी उम्मीदें हैं।

हम सभी उनके स्वस्थ, सक्षम और दीर्घायु होने की हार्दिक कामना करते हैं।

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