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कार्तिक मास मे होने वाला पर्व धनतेरस के साथ शुभारंभ

सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

 कार्तिक मास में होने वाला पर्व धनतेरस के साथ आगामी 29 अकतूबर को शुभारंभ हो रहा है । धनतेरस का त्यौहार कई कारणों से मनाया जाता है ।

मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे , जिस कारण इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है ।

धनतेरस के दिन बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है । इस दिन सोना ओर चांदी खरीदने की भी परंपरा है । मान्यता है कि इस दिन सोना और चांदी खरीदने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हें ओर घर मे समृद्धि बनी रहती है ।

धनतेरस के दिन घर के द्वार पर तैरह दिपक जलाये जाते हैं । धनतेरस शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है , धन ओर तैरस , धन का मतलब धन ओर समृद्धि एवं तेरस का मतलब हे हिन्दू कलेण्डर का तेरहवां दिन । धन तेरस से ही दिपावली का त्यौहार शुरू होता है ।

धनतेरस के दो दिन बाद आगामी 31 अकतूबर को मनाया जाने वाला दिपावली की रात भगवान श्री गणेश ओर देवी लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है , एवं विद्वान पंडितों के द्वारा विधि पुर्वक पुजा अर्चना की जाती है । कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि ओर माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था।

जिस कारण भगवान धनवंतरि ओर माता लक्ष्मी की पुजा की जाती है । दीपावली के दो दिन पुर्व धनतेरस मनाया जाता है , 29 अकतूबर को धनतेरस तथा 31 अकतूबर को दिपावली मनाया जायेगा ।

इसी प्रकार 01 नवंबर को महावीर परिनिर्वाण , 02 नवंबर को अन्नकूट , गोवर्धन पूजा , 03 नवंबर रविवार को भईया दुज , 05 नवंबर मंगलवार को गणेश चतुर्थी एवं नहाय खाय के साथ नेम निष्ठा का तीन दिवसीय छठ महापर्व का शुभारंभ , 06 नवंबर बुधवार को पंचमी खरना ,

07 नवंबर गुरुवार को षष्ठी पहला अर्घ्य सुर्यास्त संध्या 05 बजकर 28 मीनट पर , 08 नवंबर शुक्रवार को सप्तमी सूर्योदय 06 बजकर 32 मीनट पर दुसरा अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन ।

दस नवंबर रविवार को अक्षय नवमी , 12 नवंबर मंगलवार को देव उठान एकादशी एवं तुलसी विवाह , 14 नवंबर गुरुवार को बैकुंठ चतुर्दशी एवं 15 नवंबर शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा आनि कार्तिक माह समाप्त ।

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