
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का बड़ा बयान: “रसरंजन के लिए नहीं, जिम्मेदारी निभाने आई हूं”
बिरगंज २९ भदौ: काठमांडू – नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा है कि वे किसी भी तरह के व्यक्तिगत लाभ या पद का रसास्वादन करने के लिए प्रधानमंत्री नहीं बनी हैं, बल्कि परिस्थितियों ने उन्हें यह जिम्मेदारी उठाने के लिए विवश किया है।
प्रधानमंत्री कार्की ने कहा, “मैं रहर से प्रधानमंत्री नहीं बनी हूं। सब तरफ से आवाज उठी और मैं विवश हुई। यह पद रसास्वादन के लिए नहीं है। उम्र भी अब इसके लिए नहीं है। किसी भी हालत में हम छह महीने से ज्यादा नहीं रहेंगे। अपनी जिम्मेदारी पूरी करके छह महीने बाद आने वाले नए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप देंगे। मुझे सहयोग दीजिए।”
प्रधानमंत्री कार्की ने पाँच महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए, जो खासकर हाल ही में हुए जेन-जी आन्दोलन में मृत और घायल नागरिकों के लिए राहत और सहायता से जुड़े हैं जेन-जी आन्दोलन में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा।प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आन्दोलन में घायल सभी लोगों का उपचार सरकार द्वारा मुफ्त किया जाएगा।शव को लाने और अंतिम संस्कार का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।आन्दोलन में अपंगता का शिकार हुए व्यक्तियों को आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने नागरिकों से शान्ति बनाए रखने और सरकार के कदमों में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य केवल शान्ति स्थापना और स्थिरता है ताकि देश में सामान्य जनजीवन जल्द बहाल हो सके।




















