रक्सौल–काठमांडू रेललाइन का डीपीआर जल्द होगा तैयार

रक्सौल–काठमांडू रेललाइन का डीपीआर जल्द होगा तैयार
रक्सौल-काठमांडू लिंक रेल लाइन निर्माण के लिए इस माह भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा होगा। साथ ही जनवरी में इसके निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर लाइन बिछाने के लिए टेंडर की कवायद होगी। कोंकण रेलवे सर्वेक्षण का काम 80% से अधिक कर चुका है।
वह इस माह प्रोजेक्ट पूरा कर रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट भी सौंपेगा। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। मालूम हो कि वर्ष 2021 में इस लिंक रेल लाइन की केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी। यह ट्रैक विद्युतीकृत होगा। कार्य पूरा करने से संबंधित जानकारी पूमरे के कंस्ट्रक्शन विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को सौंपी गई रिपोर्ट से हुई है।
तहत रक्सौल से काठमांडू के बीच 13 स्टेशन होंगे। वर्ष 2023 में कराए गए पहले सर्वे में रक्सौल-काठमांडू लिंक रेल लाइन पर करीब 25 हजार करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना जताई गई थी। अब अंतिम डीपीआर तैयार होने पर परिजयोजना की लागत थोड़ी बढ़ेगी।
इस परियोजना के पूरा होने पर नई दिल्ली से नेपाल का काठमांडू रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। 2022 में रेलमार्ग की शुरू हुई थी कवायद : दिल्ली से काठमांडू को रेलमार्ग से जोड़ने की कवायद 2022 में शुरू हुई थी।
रक्सौल-काठमांडू की दूरी 136 किमी है। सड़क मार्ग से इस दूरी को तय करने में पांच घंटे से अधिक लगते हैं। रेलमार्ग से यह दूरी दो-तीन घंटे में पूरी होगी। दिल्ली से रक्सौल तक रेलवे लाइन है। इसके निर्माण से दिल्ली से काठमांडू सीधा जुड़ जाएगा।
सीमावर्ती शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा :
भारत-नेपाल के सीमावर्ती शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाना है। इसके लिए पहले फेज का काम जल्द शुरू होने वाला है। इसकी औपचारिक घोषण रेलवे शीघ्र करेगा।
इसके तहत बिहार के जयनगर से जनकपुर (नेपाल) और बिहार के जोगबनी से विराटनगर (नेपाल) तक ट्रेनें चलेंगी। इसके अतिरिक्त नेपाल और भारत को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए तीन प्रोजेक्ट पर मंथन जारी है।
इनमें न्यू जलपाईगुड़ी से काकरमिट्टा, नौतनवा-भैरहवा और नेपालगंज रोड-नेपाल शामिल हैं। इससे बिहार के साथ सीमावर्ती राज्यों और नेपाल के बीच की कनेक्टिविटी बेहतर होगा।




















