चालक सिपाही परीक्षा में फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर सेंटर में घुसे सॉल्वर गैंग, एक परीक्षार्थी समेत चार गिरफ्तार

चालक सिपाही परीक्षा में फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर सेंटर में घुसे सॉल्वर गैंग, एक परीक्षार्थी समेत चार गिरफ्तार
रोहतास जिला ब्यूरो रोहित कुमार की रिपोर्ट
रोहतास: चालक सिपाही परीक्षा में फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर सेंटर में घुसे सॉल्वर गैंग, एक परीक्षार्थी समेत चार गिरफ्तार
चालक सिपाही भर्ती परीक्षा में रोहतास जिले में फर्जीवाड़ा कराने की साजिश रच रहे एक फर्जी अधिकारी समेत चार लोगों को पुलिस-प्रशासन ने रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई डीएवी पब्लिक स्कूल कटार, डेहरी स्थित परीक्षा केंद्र पर की गई। जहां संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर अधिकारियों ने तुरंत जांच की।
कथित अधिकारी अशोक कुमार सिंह खुद को सचिवालय, पटना का वरीय कोषागार पदाधिकारी बता रहा था। लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह पटना महेंद्रू स्थित एक कोचिंग सेंटर का शिक्षक है।
उसके साथ पकड़े गए अन्य आरोपियों में परीक्षार्थी जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र का विकास कुमार, प्रश्न पत्र हल करने वाला संतोष कुमार यादव (सुलेमानपुर, जहानाबाद) और वाहन चालक रमेश कुमार शामिल हैं। इनके कब्जे से रोहतास जिला प्रशासन का बोर्ड लगा स्कॉर्पियो भी जब्त किया गया है।
पुलिस के अनुसार, मुख्य सरगना गोलू कुमार फरार है, जो कथित अधिकारी और परीक्षार्थी दोनों से पैसे लेकर परीक्षा सेटिंग कराने की व्यवस्था करता था। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डेहरी अतुलेश झा ने बताया कि परीक्षा के एक दिन पूर्व ही फर्जी अधिकारी परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर चुका था।
परीक्षा के दिन उसने केंद्र पर तैनात दंडाधिकारी और कर्मियों को अव्यवस्था का हवाला देकर डराया-धमकाया और चिन्हित परीक्षार्थी को बाहर बुलाकर गाइड करने लगा। करीब आधे घंटे तक उसकी अनुपस्थिति पर जब खोजबीन हुई, तो परीक्षार्थी लौटता मिला जिसके ओएमआर पर कई प्रश्न पहले से भरे हुए थे।
जांच में पता चला कि कथित अधिकारी नीचे बरामदे में टहल रहा था। केंद्राधीक्षक द्वारा दी गई सूचना पर डेहरी एसडीएम और एएसपी तत्काल पहुंचे और उसके पहचान पत्र व प्राधिकृत कागजात की जांच की, जो फर्जी निकले। स्कॉर्पियो की तलाशी में प्रश्न पत्र हल करने वाला युवक पानी-रसद के साथ गाड़ी की डिक्की में छिपा मिला।
एएसपी ने बताया कि आरोपियों से बरामद चार मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है। इनके आपराधिक इतिहास की जानकारी अन्य जिलों से भी मांगी गई है। पुलिस इस पूरे सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है।




















