एस एस बी ने किसानों के बीच किया स्प्रे मशीन का वितरण
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
नक्सल प्रभावित चरका पत्थर थाना इलाकों में बसने वाले गरीब तबके के किसानों के बीच एस एस बी के द्वारा अपनी ड्यूटी का निर्वाहन पुरी इमानदारी के साथ करते हुए सेवा सुरक्षा बंधुत्व संकल्प के मद्देनजर चेतना अभियान के तहत किये जा रहे सामग्रियों का वितरण से हमेशा सुर्खियों मे छाई हुई हैं बल्कि स्थानीय समाज सेवियों ओर जन प्रतिनिधियों ने भी एस एस बी की काफी तारीफ करते नहीं थकते । वहीं एस एस बी द्वारा किए जा रहे इस नेक कार्य पर ग्रामीण जनों में भी काफी खुशियों की लहर देखी गई है ।
सी० समवाय 16 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट श्री मनीष कुमार के निर्देश पर एवं चरका पत्थर कैम्प के कंपनी कमांडर श्री शिवशंकर कुमार ( इंस्पेक्टर ) की निगरानी में शनिवार को गरीब किसानों के बीच स्प्रे मशीन वितरण कर अच्छी फसल उगाने के लिए प्रेरित किया गया । जिसमें थम्हन पंचायत के ग्राम सुरायडीह , चिल्हकाखांड़ , बैहरवातरी , टहकार , कोनियां एवं रजौन पंचायत के ग्राम बिशनपुर एवं रजौन तथा छुछनरिया पंचायत के चरैया एवं तारबांक आदि गांव के कुल 10 किसानों ने इस स्प्रे मशीन को प्राप्त कर एस एस बी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी ।
इधर किसानों ने स्प्रे मशीन प्राप्त कर कहा है कि इस मशीन के द्वारा अब साग , सब्जी सहित खेतों में लगे रवि फसलों का पटवन कर अच्छी फसल की उगाही की जायेगी । ज्ञात हो कि एस एस बी चरका पत्थर के द्वारा अपनी ड्यूटी का निर्वाह पुरी इमानदारी और सच्ची निष्ठा के साथ करते हुए जहां नक्सलियों का सफाया कर रही है।
वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बसने वाले गरीब तबके के लोगों में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न प्रकार के सामग्रियों का वितरण , स्वास्थ्य केंद्र लगाकर मुफ्त में इलाज करते हुए नि: शुल्क दवाईयों का वितरण , ठंड से निजात दिलाने गर्म वस्त्रादि का वितरण , पेयजल की आपूर्ति के लिए चापाकलों का निर्माण , बच्चों के बीच स्कुली बैग तथा पाठ्य सामग्री का वितरण , रेडियो तथा भोजन पकाने वाली बर्तनों आदि का वितरण करने के साथ मुख्य धारा से भटक चुके लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने एवं मुख्य धारा में जोड़ने का भरपूर प्रयास कर रही है ।
चरका पत्थर कैम्प के कंपनी कमांडर श्री शिवशंकर कुमार इंस्पेक्टर ने बताया कि भटक चुके लोगों को मुख्य धारा में लोटने के लिए ग्रामीणों से भी मदद ली जा रही है ताकि भटके लोग वापस आकर अपने बाल बच्चों के साथ रहकर सरकार द्वारा मिलने वाली लाभ प्राप्त कर सके ।