पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के जीडीपी वाले बयान पर तंज कसा है। वहीं कहा कि जो स्कूल नहीं गया, फेल हुआ, पिछली बेंच पर बैठा वही यहां का नेता है। वही बता रहा है कि यहां विकास हो रहा है। उसे विकास लिखने नहीं आता है कि इस शब्द को लिखने में बड़ी ई की मात्रा का प्रयोग होता है या छोटी इ का। अभी आपने कुछ दिन पहले देखा होगा कि यहां के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि GDP तो सबसे ज्यादा बिहार की है, उनको ये समझ ही नहीं है कि GDP है क्या? अगर, बिहार का GDP सबसे ज्यादा है, तो 28वें नंबर पर कौन सा राज्य है? GDP के मामले में बिहार देश के सबसे पिछले पायदान 28वें नंबर पर है पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री कैमरे पर कह रहे हैं देश में सबसे ज्यादा GDP तो हम लोगों का है। हुआ ये होगा कि किसी अफसर ने बताया होगा कि सर GDP में ग्रोथ हम लोगों का सबसे बेहतर है। तेजस्वी यादव को GDP और GDP में ग्रोथ का अंतर ही समझ में नहीं आया और कह दिया कि देश में हमारा GDP सबसे बेहतर है। जब आप विद्यालय में नहीं जाते हैं और जीवन में पढ़े ही नहीं तो आपकी यही दशा होगी।
तेजस्वी यादव की बस यही पहचान है कि वो लालू के लड़के हैं: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जैसे सरकार का एक मेंडेट है कि नेताओं को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होता है, उसी प्रकार यह भी जारी करना चाहिए कि नेताओं ने कौन सी किताब पढ़ी है। अगर मेरा बस चले तो एक नियम यह भी जारी करना चाहिए कि नेताओं ने पिछले एक साल में कौन सी किताब पढ़ी है उसके बारे में बताएं। इन लोगों को क्या मतलब है इससे, उलूल-जलूल बातें की, लोगों को जाति-धर्म में बांटा, पैसा, शराब, बालू का काम किया, पैसा वसूल कर टिकट बांटा, जाति के नाम पर लोग गरीबी-मजबूरी में वोट दे देते हैं उसके बाद नेता बनकर ज्ञान दे रहा है। तेजस्वी यादव अगर बिना कागज देखे जीडीपी का फुल फॉर्म लिख दें तो हम मान जाएंगे। खड़े होकर जीडीपी के बारे में बता दें कि ये होता क्या है, कम है, ज्यादा है उसके बारे में छोड़ दीजिए। अपने सारे सलाहकारों की मदद लेने के बाद भी अगर तेजस्वी यादव बिना कागज देखे हुए जीडीपी को परिभाषित कर दें कि जीडीपी होता क्या है, जीडीपी का कैल्कूलेशन होता कैसे है, तो हम ये काम छोड़कर तेजस्वी यादव का झंडा ले लेंगे। खाली वह 4 दिन तैयारी करके कैमरे पर आकर बता दें कि जीडीपी जोड़ा जाता है। तेजस्वी यादव की क्या पहचान है, वो नौंवी फेल आदमी है।