सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
भारतीय न्याय संहिता ओर भारतीय सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम कुल तीन आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से देश भर में लागु हो गई है ।
संसद के शितकालीन सत्र में पारित हुए यह तीनो कानुनों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए एक जुलाई सोमवार को सोनो थाना अध्यक्ष दीनानाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक कर तीनों नये कानुनों से संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक लोगों को दी गई ।
बैठक में उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए थाना अध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता कानून अब आईपीसी इंडियन पैनल कोड की जगह ले रहा है ।
जो आम लोगों के लिए बहुत ही अच्छा है । उन्होंने बताया कि नये कानुनों में धारा 375 ओर 376 के स्थान पर बलात्कार की धारा 63 होगी जबकि सामुहिक बलात्कार की धारा 70 होगी ।
हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी , साथ ही भारतीय न्याय संहिता में कुल 21 नये अपराधों को जोड़ा गया है , जिसमें एक नया अपराध मॉब लिचींग शामिल हे । मॉब लिचींग में बनाये गये नये कानुनों पर कुल 41 अपराधों को जोड़ा गया है ।
थाना अध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने नये कानुनों में बनाये गये कुछ अहम बदलावों से अवगत कराते हुए बताया कि नये कानुनों के मुताबिक अपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने से 45 दिनों के भीतर फैसला आयेगा । जिसमें पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जायेंगे ।
श्री सिंह ने आगे कहा कि बलात्कार से पिड़ित महिलाओं का ब्यान महिला पुलिस अधिकारी की ओर से पिडिता के अभिभावकों या उनके रिश्तेदारों की मौजूदगी में दर्ज किये जायेंगे । साथ ही मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के अन्दर पुर्ण किया जायेगा ।
महिलाओं ओर बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है जिसमें बच्चों को खरिदना और बेचना एक जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखा गया है , साथ ही इसमें कड़ी सजा का प्रावधान भी बनाया गया है ।
नाबालिगों के साथ किये गए सामुहिक बलात्कार पर मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है ।
नये कानुनों में अब महिलाओं को शादी का झांसा देकर गुमराह करने वाले लोगों को कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है ।
नये कानुनों में अपराध पिड़ितों को 90 दिनों के भीतर अपने मामलों का अपडेट प्राप्त करने का अधिकार होगा ।
साथ ही महिलाओं ओर बच्चों से जुड़ी अपराध के मामले में सभी अस्पतालों पर मुफ्त इलाज किया जायेगा ।
श्री सिंह ने आगे बताया कि नए कानुनों में घटनाओं की रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से की जा सकेगी तथा पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।
गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटना स्थल पर जाना ओर साक्ष्य एकत्रित करना अनिवार्य हो गया है ।
महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए पिड़िता का ब्यान महिला मजिस्ट्रेट की ओर से दर्ज किये जाने का प्रावधान शामिल हैं ।
बैठक में जिला पार्षद सदस्य , मुखिया एवं मुखिया प्रतिनिधि , पंचायत समिति सदस्य , वार्ड सदस्य एवं बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य लोगों ने इस नए कानुनों की सराहना की ।
इसी प्रकार नव संचालित बटिया थाना परिसर में थाना अध्यक्ष श्रीमती नीतु कुमारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई ।
परिसर में उपस्थित लोगों को सभी तीन कानूनों में हुई परिवर्तन की जानकारी विस्तार रूप से दी गई है ।