
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
डाइबिटीज से बचने के लिए युवाओं को अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है । आज जिस तरह युवाओं में हार्ट एटैक की समस्या बढ़ रही है ऐसे में सभी को सोचने की जरूरत है कि आखिर कारण क्या है ।
जिस तरह से कम उम्र में युवा डाइबिटीज , हाईपरटेंशन , थाइराइड और ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में युवाओं को इन सभी बिमारियों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है ।
क्योंकि अगर युवाओं की इस पीढ़ी को इन सभी बिमारियों से नहीं बचाया गया तो आने वाली नस्ल ही खत्म हो जाएगी ।
आज पच्चीस से तीस साल के युवाओं में यह बिमारी तेजी से बढ़ रही हैं जिसका कारण है गलत खान पान , रहन सहन और काम ना करने के साथ साथ तनावपूर्ण जीवन का होना ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत को आगाह किया है कि आप अपने युवाओं को इन सभी बिमारियों से बचाने का प्रयास करें । यह ऐसी बिमारी है जिसका लक्षण पर अधिकांश युवा ध्यान नहीं देता, जिससे की आगे उनके लिए घातक साबित होती है ।
उक्त बातें आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ मुहिम के तहत एन कालेज के सैकड़ों युवाओं को संबोधित करते हुए मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तैजस्वी ने कही ।
उन्होंने आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि एक ऐसा ओरगेनाईजेशन जो लगातार इस तरह से युवाओं को जागरूक करने का काम कर रही है जो काबिले तारीफ है ।
डाइटिशियन चेतन कुमार ने युवाओं से सही खानपान पर ध्यान देने को कहा । संस्था के सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि संस्था का एक मात्र उद्देश्य है युवाओं को इस तरह का बिमारियों से बचाना जो लगातार जारी है ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मधु कुमारी , फातिमा हुसैन , अजय कुमार , चंचल शुक्ला और रेणु कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।