अरवल जिला ब्यूरो वीरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
करपी,अरवल। शहर तेलपा ओपी क्षेत्र के राधेबिगहा गांव में मिली मिनी गन फैक्ट्री ने र शहरतेलपा पुलिस को आइना दिखाया है. लोग अचंभित हैं क्योंकि फैक्ट्री इतनी बड़ी थी कि सामान उठाने में बारह घंटे का समय लगा. ऐसा इसलिए न कि इस मिनी गन फैक्ट्री का इनपुट यहां से 560 किलोमीटर दूर बैठी बंगाल पुलिस को मिल गयी लेकिन मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित शहरतेलपा पुलिस इस मामले में फेल न हो गयी।
ऐसे में शहरतेलपा पुलिस की कार्यशैली पर क्षेत्र में सवाल खड़े किये जा रहे हैं. मामा-भांजे के इस खेल से क्षेत्र के लोग आश्चर्यचकित हैं. मिनी गन फैक्ट्री के उद्भेदन के मामले में बंगाल पुलिस ने इसकी सुराग पता लगाया तथा न इस मामले में बिहार एसटीएफ से संपर्क न कर इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक दो दी गयी. सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक ने रणनीति बनाकर इसका न उद्भेदन करवाया. मुर्गा फॉर्म में संचालित मिनी गन फैक्ट्री में मुंगेर जिले 10 कारीगर इस गांव में आकर दिन- रात पिस्तौल का जखीरा तैयार करतेरहे, लेकिन इसकी भनक नहीं लगी।
ल मुख्य सरगना सेम्भुआ निवासी रोशन कुमार उर्फ लड्डु तथा राधेबिगहा गांव निवासी मुकेश पटेल उर्फ नागेंद्र कुमार सिंह जो दोनों रिश्ते में मामा-भांजा है, इनके द्वारा इस प्रकार सुनियोजित तरीके से यह कार्य करवाया जा रहा था कि किसी को इस कार्य की भनक नहीं लग पायी. सूत्रों की मानें तो बंगाल के कोलकाता में पिस्टल निर्माण में प्रयुक्त होने वाले समान सुगम तरीके से कम मूल्य पर उपलब्ध होते हैं।
ऐसे में निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री कोलकाता से लाई जाती थी तथा बिक्री का धंधा भी चलता था. यहीं से बंगाल एसटीएफ को इनपुट मिली थी. बाइक के साथ बड़ी संख्या में निर्मित एवं अर्धनिर्मित पिस्तौल बरामद किये गये।
हालांकि इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक विद्यासागर काफी सतर्क हो गये हैं तथा सभी थानाध्यक्षों से इस बात नि की शपथ देने का आदेश जारी किया है स कि सभी थानाध्यक्ष यह शपथ पत्र दें कि गु मेरे क्षेत्र में मिनी गन फैक्ट्री नहीं चल नि रही है. एसपी ने दावा किया है कि किसी प्र भी सूरत में अपराधियों को बख्शा नहीं जायेगा तथा कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों की जगह जेल में होगी।