रोहतास संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
बिक्रमगंज (रोहतास): द डिवाइन पब्लिक स्कूल बिक्रमगंज के संचालक अखिलेश कुमार ने फिर एक बार अपने अद्भुत मानवता को पेश करते हुए तीन अनाथ बच्चे- बच्चियों को अपने विद्यालय में निःशुल्क शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है।
काराकाट प्रखंड अंतर्गत बाए डिहरी गांव निवासी रौशन कुमार, खुशी कुमारी तथा प्रीति कुमारी के पिता स्वर्गीय विनोद सिंह यादव, माता स्वर्गीय चिंता देवी का देहांत सड़क दुर्घटना में बीते 4 नवंबर 2024 को हो गया है । घर में एक मात्र दादा वृंदा सिंह यादव है । घर तथा बच्चे – बच्चियों का दायित्व लेने वाला कोई नहीं है ।
कहा जाता है कि “जेकर नाथ भोले नाथ ऊ अनाथ कैसे होई” इसी वाक्य को चरितार्थ करते हुए बिक्रमगंज द डीपीएस के संचालक अखिलेश ने सिद्ध करके दिखाया है ।
अनाथों के खोए बचपन और उनकी गुम हो उठी मुस्कान को लौटने की दिशा में द डिवाइन पब्लिक स्कूल के संचालक अखिलेश कुमार बिक्रमगंज और आसपास के क्षेत्रों में अनाथों के नाथ के नाम से प्रसिद्द व्यक्ति है ।
अनाथों को उज्जवल भविष्य देने के अपने संकल्प की सिद्धि के दिशा में एक बार फिर तीन अनाथ बच्चे – बच्चियों को बारहवीं तक अपने देख – रेख में शिक्षा – दीक्षा देने का बीड़ा उठाया है।
विदित हो कि द डीपीएस के संचालक अखिलेश कुमार अबतक तीन दर्जन से अधिक अनाथ बालक – बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षित तरह परवरिश कर रहे है ।
उन्होंने बताया कि अनाथों की पीड़ा को हमने नजदीक से देखा है बचपन में अपने पिता को खो देने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि मानो मेरा अस्तित्व खो गया ।
माता – पिता की छत्र छाया एक संबल एक आधार होती है । जिसमें बच्चों का भविष्य पलता और बढ़ता है ।
लेकिन माता – पिता का शाया सर से उठ जाने के बाद बचपन कही खो जाता है । बच्चें अस्तित्वहीन हो जाते है ।
अखिलेश कुमार ने कहा कि मैने ऐसे बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने, उन्हें शिक्षित करने तथा आदर्श नागरिक बनाने प्रण लिया है ।
यह जानकर संतोष होता है कि मेरी इस मुहिम अनेक बालक तथा बालिकाओं का जीवन से अंधियारा दूर हुआ है और उन्हें जीवन में नई रौशनी मिली है । उनके बचपन को खिलखिलाने का नया मौका मिला है ।