बाबा झुमराज मंदिर के निकट बहता कपाट नदी का पानी मानव और पर्यावरण के लिए खतरा
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पुरे बिहार में मानव ओर पर्यावरण को बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाई जा रही है । वहीं जमुई जिले के सोनो प्रखंड अंतर्गत एकमात्र प्रसिद्ध बाबा झुमराज धाम के निकट बहता कपाट नदी में लगा कचरे की अंबार मानव पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक साबित होने वाला है ।
क्योंकि दिन प्रतिदिन बाबा झुमराज मंदिर में पुजा अर्चना करने आने वाले लोगों की लगातार बढ़ोतरी हो रही है , एवं बाबा का दर्शन करने से पूर्व सभी श्रद्धालु कचरे से भरा एवं दुषित इसी कपाट नदी का पानी में स्नान करते हैं । जिससे श्रद्धालुओं के साथ साथ स्थानीय लोगों में भी विभिन्न प्रकार के जानलेवा बिमारी फैलने की प्रबल संभावना बनी हुई है ।
बताया जाता है कि बाबा झुमराज का मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड पटना से संबंध है एवं न्यास समिति के द्वारा गठित संगठन के लोग भी मौजूद रहते हैं , साथ ही धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा मंदिर का गठण होने के बाद बोर्ड के सदस्यों को श्रद्धालुओं द्वारा लाखों रुपए प्रति माह उगाही की जा रही है , लेकिन धार्मिक न्यास बोर्ड के द्वारा भी इन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आज तक किसी भी प्रकार की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है ।
बताया जाता है कि बाबा मंदिर में दिये जाने वाले बकरे की बलि ओर उसकी गंदगी की साफ सफाई इसी कपाट नदी के बहते पानी में की जा रही है । साथ ही बकरे की मांस का बनाये गये प्रसाद का भोजन करने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा जुठी पत्तलों को इधर उधर फेंक दिया जाता है । उक्त जुठी पत्तल हवा के झोंकों के साथ उड़कर पानी में चले जाते हैं , परिणाम यह है कि नदी का पानी पुरी तरह गंदगी से भरकर दुषित होकर उससे निजात पाने की बाट जोह रही है ।
ज्ञात हो कि जमुई जिले में एकमात्र प्रसिद्ध बाबा झुमराज मंदिर में क्ई मंत्री और विधायक आकर अपना माथा टेककर आरजु विनती भी कर चुके हैं और मांगी गई मुरादें पुरी होने के बाद ढोल बाजे के साथ पुजा अर्चना करते हुए मंदिर की विकास का बड़े बड़े वादे भी कर चुके हैं लेकिन वापस लौटकर जाने के बाद इन सभी मंत्रियों और विधायकों ने भी इस मंदिर की विकास करना तो दूर झांककर भी नहीं देखा ।