Tuesday 22/ 10/ 2024 

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घना कोहरा से उठी ठंड का कारण निवारण व विधुत राशी से बचने का उपाय

सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

 पठारी भागों में बसा सोनो प्रखंड क्षेत्र इन दिनों घना कोहरा और शीत लहर की चपैट मेें है । ऐसी परिस्थिति में स्वाभाविक है कि लोगों को ठंडक का अहसास होना अनिवार्य है । लेकिन यह ठंडक आपकी बॉडी पर हावी होने लगे या आपको हर समय अत्यधिक ठंड महसूस हो जिससे आप दिनचर्या की भांति कार्य करने में असमर्थ हैं तो यह स्थिति सामान्य नहीं है । साथ ही बीना फीवर के आपको यदि ठंड से हालत खराब हो रही है तो आपको अपनी सैहत पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है । पिछले दो दिनों पूर्व अचानक हुई बुंदा बांदी बारिश के बाद संपुर्न सोनो प्रखंड छेत्रों में छाई घना कोहरा के कारण भगवान भास्कर सुर्य का दर्शन लोगों को दिन भर नशीब नहीं हो सका । जिस कारण लोग दिन भर घरों में दुबके रहे । घना और हाड़ कंपाने वाली ठंड के कारण दिनचर्या की भांति कार्य करने वाले लोगों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है । समाधान क्लिनिक कटिहारी रोड सोनो के संचालक सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ० अवधेश कुमार निराला ने अधिक ठंड लगने का कारण ओर उससे बचने की जानकारी विस्तार पूर्वक देते हुए बताया कि शरीर में हार्मोन की गड़बड़ी का जिम्मेदार हाइपोथायरायडिज्म होती है । यह एक हार्मोनल डिस आर्डर हे । ऐसी परिस्थिति में बाडी में हार्मोनस का उत्पादन जरुरत के मुताबिक नहीं हो पाता । लिहाजा मेटाबॉलिज्म बॉडी टेम्परेचर मेंटेन नहीं कर पाता है जिसके कारण अधिक ठंड लगती है । डॉ० निराला ने आगे बताया कि जिन लोगों का वजन उनकी उम्र ओर हाइट के मुताबिक नहीं होती उन्हें भी अत्यधिक ठंड महसूस होता है । पतले लोगों एवं जो व्यक्ति वेट लॉस मिशन पर एक्टिव होते हैं उनकी बॉडी में स्टोर्ड फैट अमाउंट कम होता है । फैट नहीं मिलने पर बॉडी अपनी जरूरत के मुताबिक जनरेट नहीं कर पाता जिस कारण अधिक ठंड महसूस होती है । इसके अलावा बहुत अधिक डायटिंग करने तथा फास्ट फूड का प्रयोग करने की वजह से शरीर को जरुरत के मुताबिक पोषण नहीं मिल पाता जिस कारण ज्यादातर बच्चे एनिमियां का शिकार हो जाते हैं , जिसमें आमतोर पर लड़कियों में अत्यधिक देखा जा सकता है । लिहाजा ऐसी परिस्थिति में बाडी में खुन की कमि हो जाने से ठंड अधिक महसूस होती है । इसके अलावा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाना भी हर समय ठंड अधिक महसूस होने का कारण है । यह स्थिति आमतोर पर डायबिटीज और हार्ट पेशेंटस में हो सकती है । साथ ही जोड़ों में दर्द होना या पेट में क्रेम्स के साथ दर्द होना भी ठंड लगने की निशानी है । डॉ० निराला ने आगे बताया कि किसी भी कारण से अगर निंद पुरी नहीं हो पाती है तो इस स्थिति में भी ठंड अधिक महसूस होती है । जिसका मुख्य कारण यह है कि बॉडी को प्रापर रेस्ट नहीं मिल पाने की वजह से वह टेम्परेचर मेंटेन नहीं रख पाते । निंद पुरी नहीं होने की स्थिति में मेटाबॉलिज्म स्लो काम करने लगता है एवं शरीर में ऊर्जा का उत्पादन कम होने के कारण अधिक ठंड लगती है । ठंड से बचने पर ध्यान आकर्षित करते हुए डॉ० अवधेश कुमार निराला ने आगे बताया कि सर्दियों के मौसम में घर का तापमान सही रखने के लिए घरों के सभी अतिरिक्त खिड़की ओर दरवाजा को हमेशा बंद रखें , जब घरों के अंदर बाहरी हवा का आवागमन नहीं होगा तो घरों का तापमान हमेशा बराबर रहेगा जिससे ठंड नहीं लगेगी । यहां बताते चलें कि बिजली बील से बचने के लिए स्नान के समय बर्तन में पानी गर्म करें और हीटर का प्रयोग नहीं करें । साथ ही कमरे को गर्म रखने के लिए हीटर की जगह लकड़ी या कोयले का उपयोग कर बिजली बील को आसानी से कम किया जा सकता है । क्योंकि आप देख सकते हैं कि हीटर का प्रयोग करते समय घर में लगा मीटर रिडींग काफी तेज गति से दोड़ता हे जिस कारण बिजली बील का भुकतान अनुमान से अधिक करना पड़ता है ।

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